The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
नित्त Shiv chaisa नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
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पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण Shiv chaisa दीन्हा॥
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन Shiv chaisa धाम
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
लिङ्गाष्टकम्
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ।